Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरा मन चाहता है तुमसे मिलना, तुम्हारे साथ वक्त बि

मेरा मन चाहता है तुमसे मिलना,
तुम्हारे साथ वक्त बिताना,
तुमसे अनगिनत बातें करना,
पर तुम सुनते कहां हो,
उलझे रहते हो गैरों में,
साथ चल तो रहे हैं हम पर,
नदी के दो पाटों की तरह।
आमने-सामने भी हैं और अकेले भी,
बहुत कुछ कहने को है मन में और सुनने को भी,
कहो कुछ तुम भी और सुनो मेरी भी कभी,
पर सुनते कहां हैं एक दूसरे की,
तिल -तिल मैं जलता हूँ।
चलो न कुछ नया सोचो एक बार,
जीवन में उत्सव का हो संचार,
दीप मै बनूं तुम  वर्तिका बनो,
थोड़ा सा सहज तुम बनो,
थोड़ा सहज मुझे रहने दो..

©dev
  #PhisaltaSamay #Poetry #sad_emotional_shayries #Love #gazal #akelapan #alone #One_sided_love