वो दुनिया थी मेरी, वो ही मेरी जहान थी। जो कभी नही टूटता, वो मेरी वही अभिमान थी। जहां भी लूट गया,दुनियां भी छूट गया। क्योकि वो किसी और के दुनिया पे मेहरबान थी संजीव पाण्डेय Dil Ke Dard