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जब कोई सच्चे प्यार की परिभाषा पूछता है ना! तो मुझे

जब कोई सच्चे प्यार की परिभाषा पूछता है ना!
तो मुझे सिर्फ एक शख्स याद आता है,
कोई कहे कि बिना मतलब के ,निस्वार्थ
बिना उम्मीद के कौन साथ निभाता है।
तब एक बार फिर उनका सवाल अनजाने में 
मेरे पलकों को भिगाता है।
कोई पूछे कि तुम्हे ठोकरों से कौन बचाता है।
तो मुझे फिर वही शख्स याद आ जाता है,
कोई पूछे कौन है वो शख्स तो 
मेरी नजर बचपन की पहली तस्वीर पर जाती है जिसमे
एक शख्स रोते हुए बच्चे को थामे मुस्कराता है।

 रोते बच्चे को थामे मुस्कराता है

#santosh_bhatt_sonu 
#संतोष_भट्ट_सोनू 
#sonu #पापा #पापा_का_प्यार
जब कोई सच्चे प्यार की परिभाषा पूछता है ना!
तो मुझे सिर्फ एक शख्स याद आता है,
कोई कहे कि बिना मतलब के ,निस्वार्थ
बिना उम्मीद के कौन साथ निभाता है।
तब एक बार फिर उनका सवाल अनजाने में 
मेरे पलकों को भिगाता है।
कोई पूछे कि तुम्हे ठोकरों से कौन बचाता है।
तो मुझे फिर वही शख्स याद आ जाता है,
कोई पूछे कौन है वो शख्स तो 
मेरी नजर बचपन की पहली तस्वीर पर जाती है जिसमे
एक शख्स रोते हुए बच्चे को थामे मुस्कराता है।

 रोते बच्चे को थामे मुस्कराता है

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#sonu #पापा #पापा_का_प्यार