#OpenPoetry गलियां घूमी, गांव घूमे , कस्बे घूमे , शहर भी घूमे , और घूम लिया सारा संसार , साँची बोलूं, सारे जग में , कही मिला न तुझ सा यार , तुम हो कान्हा, मै तेरी राधा , साँची बोलू , राधे कृष्णा सा अपना प्यार , दूर है तू भी , दूर हूँ मैं भी, बरसों से न कोई बात हुई , फिर भी समझे एक दूजे के मन की बात , मालूम हमे, न हम अब कभी मिलेंगे , पर फिर भी दिल को बस तेरी ही आस , हम भले मिले न कभी मगर , ये प्यार हमारा न होगा कभी ख़तम | sonamkuril