वक्त बदलता है तो सोच भी बदल जाती है इंसानों की,ये तो सिर्फ बातें है मन बहलाने की,देखो ना आज भी कहा कुछ बदल पाया है,आज भी लड़कियों के पहनावे और चाल चलन के,माप दण्ड में ही लड़कियों को तोला जाया है,बाहर रहती है जो दिन भर क्या सम्भालेगी किसी का घर,ये इल्ज़ाम भी लोगों ने लगाया है,क्या संस्कार देगी अपने बच्चों को जिसने लड़कों को अपना दोस्त बनाया है,कहा बदली है अब भी कुछ लोगों की सोच यारों,सिर्फ वक्त बदला है कुछ लोगों ने तो अब भी अपनी सोच पर ही ताला लगाया है।। आखिर कब तक