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देखा कोई नही था सामने.. फिर मैं थोड़ी दूर और चला ह

देखा कोई नही था सामने..
फिर मैं थोड़ी दूर और चला ही था कि फिर से
आहट की आवाज ने मेरा ध्यान खींचा.. 
इस बार भी कोई दूर दूर तक नहीं था..
 इस बार मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा ली थी.. 
मगर, ये रास्ता तो जैसे रुक ही गया था..
मैं तेजी से भाग रहा था कि
अचानक ठोकर लगी और मैं गिर गया..
मुझे होश तब आया जब सवेरे 5 बजे का अलार्म बजा 
और मेरी नींद खुली तब जा के पता चला
सब कुछ एक सपना था....

©Poonam
  #कदम
#आहट