जिन्हें पुजते हो, उन्हीं को जलाते हो? जिन्हें चुनर चढ़ाते हो, उनके ही कपड़े निकालते हो? जिन्हें भोग चढ़ाते हो, उनको ही काटने भागते हो।। जिन्हें डर के याद करते हो, उनको ही रात को डराते हो।। औरत, स्री, देवी सब एक ही तो है, देना उनको सन्मान ही सच्ची भक्ति है।। यह सवाल दोस्तों से भी पूछा जा सकता है, समाज से भी और अपने आपसे भी। एक वाक्य कितनी परतें रखता है यह वाक्य इसका उदाहरण है। Collab करें YQ DIDI के साथ। #क्याहोरहाहै