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*वो नर्स...* आज उस नर्स ने अपना थैला बांधा। फर्ज

*वो नर्स...*

आज उस नर्स ने अपना थैला बांधा।
फर्ज निभाने को अपने रिश्तों को कैद कर डाला।।

कसम खाई उसने अब देश को बचाना हैं।
श्वेत वर्दी को अब खाकी वाला फर्ज निभाना हैं।।

पता नहीं अब वो अपने परिवार से कब मिल पायेंगी।
हाँ कुछ महिनों तक वो अपने घर नहीं आ पायेंगी।।

रोका माँ ने बहुत पर वो जिद्द पर अड़ी थी।
कोरोना जैसे शत्रु के आगे वो यौद्धा अब खड़ी थी।।

 दरवाजे पर खड़ी वो गाड़ी उसे बुला रही थी।
फर्ज निभा अपना उसकी डिग्री यह चिल्ला रही थी।।

उठाये कदम और जज्बातों को मात दी।
फर्ज के खातिर परिवार कि खुशी नजरअंदाज की।।

घर-द्वार, परिवार  तक को छोड़ दिया।
सुरक्षित रहे अपने यह सोच उसने अपनों से मुह मोड़ दिया।।

कहीं कुछ हो ना जाये बेटी को यह सोच उसकी माँ डरती।
पर हौंसला ना टूटे बेटी का यह सोच वो अपने आँसू भी निगलती।।

उस नर्स ने तो अपना फर्ज निभाया आप उसकी कद्र करों।
हाँ लॉकडाउन खुल गया पर बिना काम अपने घर से ना निकलो।।

Gupta Vishal #height #COVID #knockdown #nurce #Poet #delicate
*वो नर्स...*

आज उस नर्स ने अपना थैला बांधा।
फर्ज निभाने को अपने रिश्तों को कैद कर डाला।।

कसम खाई उसने अब देश को बचाना हैं।
श्वेत वर्दी को अब खाकी वाला फर्ज निभाना हैं।।

पता नहीं अब वो अपने परिवार से कब मिल पायेंगी।
हाँ कुछ महिनों तक वो अपने घर नहीं आ पायेंगी।।

रोका माँ ने बहुत पर वो जिद्द पर अड़ी थी।
कोरोना जैसे शत्रु के आगे वो यौद्धा अब खड़ी थी।।

 दरवाजे पर खड़ी वो गाड़ी उसे बुला रही थी।
फर्ज निभा अपना उसकी डिग्री यह चिल्ला रही थी।।

उठाये कदम और जज्बातों को मात दी।
फर्ज के खातिर परिवार कि खुशी नजरअंदाज की।।

घर-द्वार, परिवार  तक को छोड़ दिया।
सुरक्षित रहे अपने यह सोच उसने अपनों से मुह मोड़ दिया।।

कहीं कुछ हो ना जाये बेटी को यह सोच उसकी माँ डरती।
पर हौंसला ना टूटे बेटी का यह सोच वो अपने आँसू भी निगलती।।

उस नर्स ने तो अपना फर्ज निभाया आप उसकी कद्र करों।
हाँ लॉकडाउन खुल गया पर बिना काम अपने घर से ना निकलो।।

Gupta Vishal #height #COVID #knockdown #nurce #Poet #delicate
guptavishal9779

Gupta Vishal

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