तुम्हारे गर्म हाथ के स्पर्श से मेरा जिस्म गर्म हो जाता है, तुम्हारे साँसों के गर्मी मात्र से मेरा रूह पिघल जाता है, हर दिन तूं मेरी यादों के समंदर में उतर जाता है, हर रात ख्वाबों के साये में कटकर, सहर हो जाता है, तुम्हारे गर्म हाथ के गर्मी से 'मधुकर' को मत कर पागल समय के साथ हर कोई बदल जाता है आजकल तुम्हारे गर्म हाथों की गर्मी रूह में जमी बर्फ़ को पिघला देती है। #गर्महाथ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #anil_madhukar