कुछ ख्वाब जब हम सोचा करते है तब तब लोग हम पर हसा करते हैं . कुछ किया नही न अब तक इसलिए वह हमसे सारे गीले सीकावा किया करते है . है दर्द दिए उनके ऐसे जो हमारी मुस्कानों को भी हमसे छीन लिया करते है . हां माना मेरी राहें कठीन बहुत हैं मगर राहों में गिरकर हम अपनी सारी आंसू पोंछ लिया करते हैं . क्युकी कुछ ख्वाब जब हम सोचा करते है तब तब लोग हम पर हसा करते हैं . ....... ©Amrit Kumar मेरा भैया पियूष