तेरी गलियों से मेरा गुजरना क्या कम हुआ, सीढ़ियों पर बैठे तेरे आशिक़ का इंतज़ार मुकम्मल सा हो गया ।। पर, कुछ सवाल हैं तुझसे ?? क्या, तेरी पेशानगी सिकंजों को उसके होंठ, वैसे ही सहला देते थे जैसे मेरे होंठ सहलाया करते थे, क्या, उसकी पास आती साँसों की गर्मी , तेरे दिल की धड़कन वैसे ही बढ़ा देती है, जैसे मेरी सांसें बढ़ाया करती थी | ©अनकहें एहसास #Chalachal #story #Stories #Storie #Love #LO√€ #love4life #love❤️