कुछ कुछ मुझे याद है कैसे इसकी शुरुवात हुई, पहले जान पहचान बढ़ी फिर इश्क की बात हुई। घर उसके थी फिर डोली सजी शहनाई बजी, सजी सेज घर किसी और के मेरे घर बरसात हुई। ©एस पी "हुड्डन" #शुरूवात