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सर्द हुई रातें अब लहर छाई प्यार की दिल मे जवाला ध

सर्द हुई रातें अब
लहर छाई प्यार की
दिल मे जवाला 
धधक रही
साजन इंतजार की।
तुम बसे परदेश
समझें न दिल की बात
बन विरहिणी
मन मेरा राह तके
बार बार।
तन्हाई चुभ रही
रजाई भी बोझ लगे
तकिया भी ठंड़ मे
आंसुओं मे
भीग रही।

©Naresh Chandra सर्द हुई रातें अब
लहर छाई प्यार की
दिल मे जवाला 
धधक रही
साजन इंतजार की।
तुम बसे परदेश
समझें न दिल की बात
बन विरहिणी
सर्द हुई रातें अब
लहर छाई प्यार की
दिल मे जवाला 
धधक रही
साजन इंतजार की।
तुम बसे परदेश
समझें न दिल की बात
बन विरहिणी
मन मेरा राह तके
बार बार।
तन्हाई चुभ रही
रजाई भी बोझ लगे
तकिया भी ठंड़ मे
आंसुओं मे
भीग रही।

©Naresh Chandra सर्द हुई रातें अब
लहर छाई प्यार की
दिल मे जवाला 
धधक रही
साजन इंतजार की।
तुम बसे परदेश
समझें न दिल की बात
बन विरहिणी

सर्द हुई रातें अब लहर छाई प्यार की दिल मे जवाला धधक रही साजन इंतजार की। तुम बसे परदेश समझें न दिल की बात बन विरहिणी #कविता #दिल_की_आवाज़