ग्राम श्री ****** लोहे की कढ़ाई में,किसी के घर रसेदार सब्जी पके तो,गाँव के डीह बाबा तक गमक जाती थी! धुंआ एक घर से निकला ,कि नहीं, तो आग के लिए भीड़ चिपरि लेके दौड़ जाती थी , संझा को रेडियो पे चौपाल और आकाशवाणी के सुलझे हुए समाचारों से ही सांझ ढल जाती थी । दही मट्ठा का भरमार था, सबका काम चलता था! मटर,गन्ना,गुड़ सबके लिए इफरात रहता था; सबसे बड़ी बात तो यह थी कि, आपसी मनमुटाव रहते हुए भी अगाध प्रेम का दरिया दिलो में बहता था अम्बरीष तन्हा #yourquotedidi #yourquotehindi #yourquotedidi #योरकोट_दीदी #योरकोटजिंदगी