खुशबू से महका दी तुमने ज़िंदगी मेरी। इस गुलदस्ते को गुलाब दूँ, ये शोभा नहीं देगा। तू साथ है, तो हर दिन ख़ास है, कोई और दिन मनाऊँ, ये शोभा नहीं देगा। दिल में भरा है प्यार का समंदर, इक दिन में नाप लूँ, ये शोभा नहीं देगा। हर साँस में गिनता हूँ नाम तेरा, कुछ और प्रमाण दूँ, ये शोभा नहीं देगा। हर मौसम, हर पल का शुक्रगुज़ार हूँ, सिर्फ़ फरवरी में इज़हार करूँ, ये शोभा नहीं देगा। ************************** सौ.सुधा सुधीर बेटगेरी बागलकोट ©Sudha Betageri #sudha