सजल ~~~~ करलो याद जवाबों को सवाल कर मितवा। रखलो तुम ठोकरों को संभाल कर मितवा।। ढलकर चलते हुए मिल जाती हैं मंजिलें। सिमेट लो तुम अब अकड़ को ढाल कर मितवा।। राहों में चुनकर कांटे बढ़ना पड़ता है। बाधा बीच चलो तुम देख भाल कर मितवा।। संगत भली रंग भरती है मन में उजला। करो नया कुछ तुम दृष्टि नव डाल कर मितवा।। देख हवाओं को बदली बदली चलती हैं। बदल जाओ तुम भी रख नव चाल कर मितवा।। @ गोपाल 'सौम्य सरल' #सजल #जीवन #जिंदगी_एक_फ़लसफा #कोराकाग़ज़ #glal #yqdidi #hindipoetry #hindiquotes