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Gopal Lal Bunker
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Gopal Lal Bunker
क्रोध ••••••••••• क्रोध भूमि है बैर की, बैरी उपजे लाख। क्रोधी सींचे द्वेष को, करने सब कुछ राख।। क्रोध अग्नि बिन काठ की, जले देह में खूब। चिता बिना ही तन जले, जला शान्ति की दूब।। क्रोधी भस्मासुर बनें, पहन 'कड़े सा' क्रोध। पीछे पड़-पड़ और के, सबका करे विरोध।। क्रोध जिन्न संसार का, करता घर घर नाच। घुमा घुमाकर मारता, लगा कुढ़न की आँच।। क्रोध मूल है नाश का, क्रोधी करें विनाश। कर कर तांडव मौत का, सदा बिछाए लाश।। प्रेत्यभाव में क्लेश का, हुकुम चले पुरजोर। मारे नर खुद आपको, पकड़े फिर यम डोर।। पान क्रोध विष का किए, टले आपदा काल। काम मनुज जो यह करे, ठोके सुख की ताल।। पिए क्रोध को शांति का, सूर्य उगे मन बीच। फूटे किरणें नेह की, मिटे कुमति की कीच।। ✍️ गोपाल 'सौम्य सरल' #glal #yqdidi #restzone #rzलेखकसमूह #दोहा #दोहावली #क्रोध
Gopal Lal Bunker
Name for the fame; riches for the fame. ( नाम के लिए काम करो; धन भी कमाओ, नाम भी कमाओ। ) #नाम #धन #काम #restzone #glal #yqbaba #yqdidi #rzलेखकसमूह
Gopal Lal Bunker
हम सभी जुबानों के क़िस्से हैं जुदा सी कहानियों के हिस्से हैं जो होते हैं बयां बातों ही बातों में बनकर सरगोशियां, जैसे ठस्से हैं #हमसब #लोग #कहानियाँ #glal #restzone #rzhindi #rzलेखकसमूह
Gopal Lal Bunker
🪔 दीपोत्सव 🪔 🪔 घर-घर खुशियों के दीप जले। सब मुखड़ों से द्युतिमा निकले।। वास रहे हर घर वैभव का। पर्व मने फिर दीपोत्सव का। 🪔 सुख के सूरज हर घर निकलें। तम भागे ले संकट उपलें।। कंठ कूप में हँसी सजी हो। रवि किरणों से धूप हुई हो। ✍️ गोपाल 'सौम्य सरल' ( Read Full In Caption ) 🪔 घर आँगन में सजे रँगोली। रिद्धि सिद्धि की रहे ठिठोली।। मन मंदिर में प्रज्ञा बैठे। आकर संकट कभी न ऐंठे।। 🪔 ज्योति पुंज हो तन का दीपक। फलें नहीं दोषों की दीमक।। सद्गुण ही साथी हैं जग के। बाकी सब साथी हैं सुख के।। 🪔 रखा राम को जिंदा जिसने। पाला है मानव को उसने।। राम वही है अब इस जग में। बाकी तो कांटे हैं पथ में।। 🪔 प्रज्ञा रखो बुद्ध की जैसी। करो भेद की ऐसी तैसी।। भाव दया का रखना मन में। रखा नहीं है कुछ इस तन में।। 🪔 दीप बुझे हम इसके पहले। काम करें सब अहले गहले।। हम सब दीप ज्योति हो जाएं। घर सबके फिर हमको भाएं।। 🪔 जब यह सब कुछ होगा जग में। स्वर्ग रूप होगा हर घर में।। देव रूप होगा जब हर नर। तब दीपोत्सव होगा हर घर।। 🪔 ✍️ गोपाल 'सौम्य सरल' ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ 👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀 #चौपाई #दीपोत्सव #दीपावली #restzone #glal #yqdidi #rzलेखकसमूह #चौपाई_छंद चौपाई 👀👀👀👀👀👀👀👀👀 ~~~~~~~~~~~ गोपाल 'सौम्य सरल' 🪔 दीपोत्सव 🪔
Gopal Lal Bunker
शायरी ----------- चलो अशआर से हम शायरी बनाते हैं रदीफ़ बनके तुम्हें काफ़िया सा सजाते हैं बिन तुम्हारे सफ़र-ए-हयात पूरा न होगा बनके हमनवां हम, चलो ग़ौर फ़रमाते हैं 🔸🔸🔸 सामने आओ तुम कि कुछ लिख पाऊँ मैं चाँद सी सजो तुम आसमां पर कि इतराऊँ मैं अफ़सोस देखना है मुझे चाँदनी रात में ज़माने का बनके बिंदी तेरी लाल, जब तेरा ललाट सजाऊँ मैं 🔸🔸🔸 कोई बार-बार कहे तो एतबार हो ही जाता है कोशिश करने से इख़्तियार हो ही जाता है किसे वक़्त है दिमाग लगाने का भेड़ चाल में बार-बार बोला झूठ सच सा रुआबदार हो ही जाता है 🔸🔸🔸 #शायरी #हमनवां #झूठ #glal #restzone #yqdidi #rztask510 #rzलेखकसमूह
Gopal Lal Bunker
रूठी हुई ज़िन्दगी ----------------------- रूठ रूठकर जिंदगी देती है सज़ा सिखाती है 'करना सामना दुख का' बेवजह बेवजह बेवजह। गलतियों और गलत काम का मिलता है नतीज़ा बनकर सज़ा पर जो करता नहीं है ये सब कुछ उसको भी फिर क्यों मिलता है ग़म-ज़दा मज़ा रूठ रूठकर जिंदगी देती है सज़ा सिखाती है 'करना सामना दुख का' बेवजह बेवजह बेवजह। रूठ रूठकर देती हैं साँसें रूठ रूठकर लेती हैं साँसें काटने जीवन को काया की चुभन से करती है मजबूर सहने को दर्द करके अपनी रज़ा रूठ रूठकर जिंदगी देती है सज़ा सिखाती है 'करना सामना दुख का' बेवजह बेवजह बेवजह। साँसों के सागर में ज़िंदगी गोता खिलाती है बेबस कर हादसों से क्या खूब रूलाती है चुनौती है प्राण बचाए रखना जग में अपना नाम बचाए रखना अवसर देती है खुशी से किसी को अवसर लेती है छीन किसी का बनके अजा रूठ रूठकर जिंदगी देती है सज़ा सिखाती है 'करना सामना दुख का' बेवजह बेवजह बेवजह। ✍️ गोपाल 'सौम्य सरल' #गीत #रूठीहुइजिंदगी #glal #restzone #yqdidi #rztask509 #rzलेखकसमूह रूठी हुई ज़िन्दगी ------------------- रूठ रूठकर जिंदगी देती है सज़ा सिखाती है 'करना सामना दुख का' बेवजह बेवजह बेवजह।
Gopal Lal Bunker
🌼 ज्ञान 🌼 ----------------- धान्य सुभाषित नीर हैं, रतन धरा के तीन। चौथा मानिक ज्ञान है, रहे विज्ञ आसीन।। 🌼 🌼 🌼 बड़ा ज्ञान से कुछ नहीं, ज्ञान जगत का नूर। अज्ञानी का ज्ञान से, होता है तम दूर। 🌼 🌼 🌼 खाई 'कालीदास' ने, जब अंतर की चोट। चली लेखनी जोर की, खुली ज्ञान की पोट।। 🌼 🌼 🌼 भरा ज्ञान प्रति शब्द था, काव्य लिखा था भव्य। अभिनव सौष्ठव योग से, काव्य बना था नव्य।। 🌼 🌼 🌼 'वरदराज' के नाम का, मूर्ख बड़ा था एक। आता कुछ भी था नहीं, करते हँसी अनेक।। 🌼 🌼 🌼 नीर पिया जब कूप का, उसको मिला विवेक। 'करत करत अभ्यास' की, लिखी कहावत एक। ✍️ गोपाल 'सौम्य सरल' #दोहावली #दोहे #दोहा #ज्ञान #glal #yqdidi #restzone #rzलेखकसमूह
Gopal Lal Bunker
🌼 नेकी 🌼 ---------------------- जग से है करना गमन, रात बिताकर एक। नेक कर्म सब कीजिए, सुबह मिलेगी नेक।। 'नेकी कर्ता' जी गया, पहुँचा है उस पार। नेकी जिसने की नहीं, मिला उसे संसार।। नेकी है जग का अमृत, जहर 'बुरा हर काम'। अमृत नेक नर पी रहें, बनें बुरे विष धाम।। धार अमृत की स्वर्ग है, धारा विष की नर्क। करो सभी नेकी यहाँ, बिना किए सब तर्क।। ✍️ गोपाल 'सौम्य सरल' #नेकी #सद्कर्म #दोहा #दोहे #glal #yqdidi #restzone #rzलेखकसमूह