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मेरे मन में अभी-अभी एक विचार आया। क्या आप भी ऐसा स

मेरे मन में अभी-अभी एक विचार आया। क्या आप भी ऐसा सोचते हैं कि ऐसा क्यों होता है? ईश्वर ने हमें दो आंखें दी, दो कान दिए, दो हाथ दिए, किंतु मुख केवल एक ही दिया, जीब केवल एक ही दी ऐसा क्यों, क्या कारण हो सकता है इसके पीछे, हम्म कारण है, कारण ये है कि ईश्वर चाहते हैं कि हम देखें अधिक सुने अधिक कार्य अधिक करें, बोले कम अब यदि आप गौर से सोचेंगे तो इसमें भी हमारे जीब को अत्यंत कोमल बनाया गया है ताकि इन कठोर दातों के मध्य में यह बड़ी सरलता से रह सके। अब इसके पीछे भी कोई कारण है हमारे शब्द और हमारी वाणी भी इसी प्रकार कोमल और सरल होनी चाहिए। स्मरण रखिएगा यदि इस मुख से शब्द कठोर निकलेंगे तो उसके परिणाम में कठोर ही होंगे तो इसी कोमल इसी सरल और इसी मीठी वाणी के साथ आइए मेरे साथ कहे।

राधे राधे

©Karan Mehra #krishnvani
मेरे मन में अभी-अभी एक विचार आया। क्या आप भी ऐसा सोचते हैं कि ऐसा क्यों होता है? ईश्वर ने हमें दो आंखें दी, दो कान दिए, दो हाथ दिए, किंतु मुख केवल एक ही दिया, जीब केवल एक ही दी ऐसा क्यों, क्या कारण हो सकता है इसके पीछे, हम्म कारण है, कारण ये है कि ईश्वर चाहते हैं कि हम देखें अधिक सुने अधिक कार्य अधिक करें, बोले कम अब यदि आप गौर से सोचेंगे तो इसमें भी हमारे जीब को अत्यंत कोमल बनाया गया है ताकि इन कठोर दातों के मध्य में यह बड़ी सरलता से रह सके। अब इसके पीछे भी कोई कारण है हमारे शब्द और हमारी वाणी भी इसी प्रकार कोमल और सरल होनी चाहिए। स्मरण रखिएगा यदि इस मुख से शब्द कठोर निकलेंगे तो उसके परिणाम में कठोर ही होंगे तो इसी कोमल इसी सरल और इसी मीठी वाणी के साथ आइए मेरे साथ कहे।

राधे राधे

©Karan Mehra #krishnvani