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कृंदन से रूदन तक की,

कृंदन से रूदन तक की,
                                 मुझमें बसती हर काया है,!!
                                       मुठ्ठी में तीनों लोक भरे,
         मुख में ब्रह्मांड समाया है।!

©shivam mishra #janmashtmi
कृंदन से रूदन तक की,
                                 मुझमें बसती हर काया है,!!
                                       मुठ्ठी में तीनों लोक भरे,
         मुख में ब्रह्मांड समाया है।!

©shivam mishra #janmashtmi