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नजऱ भर के देखा और फिर चले गये हम तो मगर तन्हा, अके

नजऱ भर के देखा और फिर चले गये
हम तो मगर तन्हा, अकेले रह गये
रोज भरम रखता हूं के तुम आओगी
कितने क़रीब है हम फिर भी ,फासले रह गये
चाँद रातो में अब तो रोया भी नही जाता
दिल मे मुस्कुराने के झूठे हौसले रह गये
उड़ गये वो पंछी जो जीने की वज़ह थे 
पीछे कुछ खाली घोंसले रह गये
यू भी उनका ज़ुल्म,वक़्त ने कम किया
ज़ख्म तो मिट गये दिल के, बस छाले रह गये #हम तो आखिर दिलवाले रह गये
नजऱ भर के देखा और फिर चले गये
हम तो मगर तन्हा, अकेले रह गये
रोज भरम रखता हूं के तुम आओगी
कितने क़रीब है हम फिर भी ,फासले रह गये
चाँद रातो में अब तो रोया भी नही जाता
दिल मे मुस्कुराने के झूठे हौसले रह गये
उड़ गये वो पंछी जो जीने की वज़ह थे 
पीछे कुछ खाली घोंसले रह गये
यू भी उनका ज़ुल्म,वक़्त ने कम किया
ज़ख्म तो मिट गये दिल के, बस छाले रह गये #हम तो आखिर दिलवाले रह गये

#हम तो आखिर दिलवाले रह गये #शायरी