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रोती हैं आंखे,रोने दे। यादों की बारिश,होने दे।। सप

रोती हैं आंखे,रोने दे।
यादों की बारिश,होने दे।।
सपने तो जागे रहते हैं।
पैकर को दो पल सोने दे।।

©डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313)
  दो पल सोने दे