'यह दुनिया है गोल, "होते हैं यहां झोलमोल, "तिकड़म बाजीओ की लगती है सेह, "सीधे-साधे को मिलती है मात, 'आगे जाने के लिए करते, 'एक से एक करामात, 'हर किसी को रखनी है, 'अपनी ऊंची नाक, 'प्रेम भी स्वार्थ में बट गया, 'भावनाएं भी बिक गई, 'जिसको चाहो शिद्दत से वो चाहे किसी और को,"फिर वो भी चाहे किसी और को,, "दुनिया भागे एक दूसरे की ओर" "मची है दिखावे की होड़, 'सबसे सुंदर, "सबसे बेहतर,"सबसे अच्छा,'सबको इसकी ही तलाश है । 'सादगी से जीना, "शांति में रहना, 'किस को इसकी चाहात है । पूरी कविता कैप्शन में है 'यह दुनिया है गोल, "होते हैं यहां झोलमोल, "तिकड़म बाजीओ की लगती है सेह, "सीधे-साधे को मिलती है मात, 'आगे जाने के लिए करते, 'एक से एक करामात, 'हर किसी को रखनी है, 'अपनी ऊंची नाक,