उस दिन इतवार था मेरी ऑफिस की छुट्टी थी मैं अपनी मर्ज़ी से उठा 11 बजे और मुझे नाश्ते में मिले आलू के पराठे जिन्हें बनाने के लिए वो उठी थी सुबह छः बजे और खाकर मैं निकल गया पूरे दिन के लिए दोस्तों के साथ क्यूँकि आज संडे है, शाम को घर आकर फरमाइश की कि आज संडे है तो कुछ स्पेशल बनाया जाए फ़रमाइश पूरी हुई रात के खाने में तीन तरह की सब्ज़ी रोटी दाल चावल और खीर मिली कमरे में गया तो सुबह के लिए पैंट शर्ट इस्त्री किये हुये हैंगर में लटके मिले, घड़ी, रुमाल, जूते सब तरतीब से अपनी अपनी जगह मिले।
और सारा काम निपट #Thoughts#pshakunquotes#प्रशान्त_के_विचार#pशकुन#स्त्रीएवंस्त्रीत्व#स्त्री_जीवन#आधे_घंटे_का_इतवार#पत्नी_बहन_मां