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पेज-31 यहाँ दोनों पक्षों में वार्तालाप के दौरान रा

पेज-31
यहाँ दोनों पक्षों में वार्तालाप के दौरान राकेश ने बताया मानक का घर परिवार में देखने सुनने जैसा कहीं कुछ रह नहीं गया था...क्यूंकि सब कुछ देख परख लिया गया था..!  सुकन्या के पिता स्वयं ज्योतिष विद्या जानते थे... अस्तु वर वधू के सारे गुणधर्म मिलान हो चुका था.. गृहमैत्री अतिसुंदर मिलान.. वहीं वर पक्ष ने भी आश्वश्त किया केवल बहू के अतिरिक्त सोने का एक दाना भी नहीं चाहिये...! 

पर्दे के पीछे मानक की बहनों का सब्र टूटा जा रहा था लेकिन मेहमान नवाजी की मर्यादा उन्हें आगे आकर लड़की की तस्वीर देखने से रोक रही थी.. तब उन्होंने तान्या को अपना दूत बनाकर भेज दिया..तान्या ने सीधे जाकर राकेश से अपनी कोमल बोली में कहा-जी नमस्ते 🙏🙏, क्या हम सब कन्या की तस्वीर देख सकते हैं..!
राकेश-ओह्हो पर बेटा अभी तो कन्या आप हो..! राकेश  जोर से हंस पड़ा और कहा.. आपका शुभ नाम बताएंगे हमें.. 
तान्या-आप तो जानते हैं ना भैया.. आप ने ही तो लेकर आये हैं इस कालोनी में..!
राकेश-ओह्ह. Sorry sorry.. पर बेटा लड़की तो आज सुबह पूरी कालोनी मे देख लिया है.. मंदिर में ही.. फिर भी आप.. ये लो उनकी तस्वीर..!
तान्या तस्वीर लेकर.. एक पल में गायब और अपनी बड़ी बहनों के पास... ज्यों ही पिक पर नज़र पड़ी सबने एक स्वर मे कहा.. बधाइयां...बधाइयां.. बधाइयां... मन की मुराद पूरी हुई....!

राकेश-(हाथ जोड़कर) जी, लड़कीवालों को मानक बेहद पसंद है उनकी स्वीकृति लेकर ही मैं मानक और मनीषा के विवाह बंधन के लिये अपनी सहमति देता हूं, अब आप यदि उचित समझें और मेरी बहन आपके परिवार की बधु बनने की योग्यता रखती हो तो शाम को गेस्ट हाउस में हम वधू पक्ष आपकी प्रतीक्षा करेंगे..! अगर आप अपनी रजामंदी दें तो शाम को ही सगाई का शुभ मुहूर्त है..और आज से सातवें दिन शुभ विवाह का उत्तम मुहूर्त है..! फिर जब मन मिले तो शुभस्य शीघ्रं.. 
वर पक्ष- हमें सब स्वीकार है.. ! आप तो सगाई की तैयारी करें श्रीमान.. 
राकेश-जी बड़ी खुशी की बात है... 
अब इजाज़त दीजिये..बहुत सी तैयारियां करनी हैं 
जय सियाराम.. 🙏🙏💐💐💐💐
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©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
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यहाँ दोनों पक्षों में वार्तालाप के दौरान राकेश ने बताया मानक का घर परिवार में देखने सुनने जैसा कहीं कुछ रह नहीं गया था...क्यूंकि सब कुछ देख परख लिया गया था..!  सुकन्या के पिता स्वयं ज्योतिष विद्या जानते थे... अस्तु वर वधू के सारे गुणधर्म मिलान हो चुका था.. गृहमैत्री अतिसुंदर मिलान.. वहीं वर पक्ष ने भी आश्वश्त किया केवल बहू के अतिरिक्त सोने का एक दाना भी नहीं चाहिये...! 

पर्दे के पीछे मानक की बहनों का सब्र टूटा जा रहा था लेकिन मेहमान नवाजी की मर्यादा उन्हें आगे आकर लड़की क
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यहाँ दोनों पक्षों में वार्तालाप के दौरान राकेश ने बताया मानक का घर परिवार में देखने सुनने जैसा कहीं कुछ रह नहीं गया था...क्यूंकि सब कुछ देख परख लिया गया था..!  सुकन्या के पिता स्वयं ज्योतिष विद्या जानते थे... अस्तु वर वधू के सारे गुणधर्म मिलान हो चुका था.. गृहमैत्री अतिसुंदर मिलान.. वहीं वर पक्ष ने भी आश्वश्त किया केवल बहू के अतिरिक्त सोने का एक दाना भी नहीं चाहिये...! 

पर्दे के पीछे मानक की बहनों का सब्र टूटा जा रहा था लेकिन मेहमान नवाजी की मर्यादा उन्हें आगे आकर लड़की की तस्वीर देखने से रोक रही थी.. तब उन्होंने तान्या को अपना दूत बनाकर भेज दिया..तान्या ने सीधे जाकर राकेश से अपनी कोमल बोली में कहा-जी नमस्ते 🙏🙏, क्या हम सब कन्या की तस्वीर देख सकते हैं..!
राकेश-ओह्हो पर बेटा अभी तो कन्या आप हो..! राकेश  जोर से हंस पड़ा और कहा.. आपका शुभ नाम बताएंगे हमें.. 
तान्या-आप तो जानते हैं ना भैया.. आप ने ही तो लेकर आये हैं इस कालोनी में..!
राकेश-ओह्ह. Sorry sorry.. पर बेटा लड़की तो आज सुबह पूरी कालोनी मे देख लिया है.. मंदिर में ही.. फिर भी आप.. ये लो उनकी तस्वीर..!
तान्या तस्वीर लेकर.. एक पल में गायब और अपनी बड़ी बहनों के पास... ज्यों ही पिक पर नज़र पड़ी सबने एक स्वर मे कहा.. बधाइयां...बधाइयां.. बधाइयां... मन की मुराद पूरी हुई....!

राकेश-(हाथ जोड़कर) जी, लड़कीवालों को मानक बेहद पसंद है उनकी स्वीकृति लेकर ही मैं मानक और मनीषा के विवाह बंधन के लिये अपनी सहमति देता हूं, अब आप यदि उचित समझें और मेरी बहन आपके परिवार की बधु बनने की योग्यता रखती हो तो शाम को गेस्ट हाउस में हम वधू पक्ष आपकी प्रतीक्षा करेंगे..! अगर आप अपनी रजामंदी दें तो शाम को ही सगाई का शुभ मुहूर्त है..और आज से सातवें दिन शुभ विवाह का उत्तम मुहूर्त है..! फिर जब मन मिले तो शुभस्य शीघ्रं.. 
वर पक्ष- हमें सब स्वीकार है.. ! आप तो सगाई की तैयारी करें श्रीमान.. 
राकेश-जी बड़ी खुशी की बात है... 
अब इजाज़त दीजिये..बहुत सी तैयारियां करनी हैं 
जय सियाराम.. 🙏🙏💐💐💐💐
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©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
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यहाँ दोनों पक्षों में वार्तालाप के दौरान राकेश ने बताया मानक का घर परिवार में देखने सुनने जैसा कहीं कुछ रह नहीं गया था...क्यूंकि सब कुछ देख परख लिया गया था..!  सुकन्या के पिता स्वयं ज्योतिष विद्या जानते थे... अस्तु वर वधू के सारे गुणधर्म मिलान हो चुका था.. गृहमैत्री अतिसुंदर मिलान.. वहीं वर पक्ष ने भी आश्वश्त किया केवल बहू के अतिरिक्त सोने का एक दाना भी नहीं चाहिये...! 

पर्दे के पीछे मानक की बहनों का सब्र टूटा जा रहा था लेकिन मेहमान नवाजी की मर्यादा उन्हें आगे आकर लड़की क

#रत्नाकर कालोनी पेज-31 यहाँ दोनों पक्षों में वार्तालाप के दौरान राकेश ने बताया मानक का घर परिवार में देखने सुनने जैसा कहीं कुछ रह नहीं गया था...क्यूंकि सब कुछ देख परख लिया गया था..! सुकन्या के पिता स्वयं ज्योतिष विद्या जानते थे... अस्तु वर वधू के सारे गुणधर्म मिलान हो चुका था.. गृहमैत्री अतिसुंदर मिलान.. वहीं वर पक्ष ने भी आश्वश्त किया केवल बहू के अतिरिक्त सोने का एक दाना भी नहीं चाहिये...! पर्दे के पीछे मानक की बहनों का सब्र टूटा जा रहा था लेकिन मेहमान नवाजी की मर्यादा उन्हें आगे आकर लड़की क #प्रेरक