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ज़िन्दगी तुझसे हर एक साँस पे समझौता करूँ, शौक़ जीने

ज़िन्दगी तुझसे हर एक साँस पे समझौता करूँ,
शौक़ जीने का है मुझको मगर इतना तो नहीं,
रूह को दर्द मिला... दर्द को आँखें न मिली,
तुझको महसूस किया है तुझे देखा तो नहीं।

- मुज़फ्फ़र वारसी via bkb.ai/shayari

©सपना meena
  dil ke arman  h

dil ke arman h #शायरी

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