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एक घूंट चांदनी को तरसेगा आसमां, जब अमावस अंधेरे की

एक घूंट चांदनी को तरसेगा आसमां,
जब अमावस अंधेरे की चादर बिछाएगी,
और मैं भी देखूंगा खुली आंखों से आसमां,
जब मेरी बेबसी मुझ पे पर मुस्कराएगी,
कर गए दिल को हल्का छलक गए जो दो आंसू,
जो ना छलक सके उसकी ज़लन जिंदगी कहां छुपाएगी,
मेरी बातों को समझने की कोशिश ना कर,
यह ज़िन्दगी है खुद ब खुद निपट जाएगी।

©Harvinder Ahuja #इक खामोशी
एक घूंट चांदनी को तरसेगा आसमां,
जब अमावस अंधेरे की चादर बिछाएगी,
और मैं भी देखूंगा खुली आंखों से आसमां,
जब मेरी बेबसी मुझ पे पर मुस्कराएगी,
कर गए दिल को हल्का छलक गए जो दो आंसू,
जो ना छलक सके उसकी ज़लन जिंदगी कहां छुपाएगी,
मेरी बातों को समझने की कोशिश ना कर,
यह ज़िन्दगी है खुद ब खुद निपट जाएगी।

©Harvinder Ahuja #इक खामोशी