तीखे ज़हर के सामने भी ज़हर ही टिकता है ज़हरीले दंश का इलाज ज़हर ही दिखता है हक़ीक़त की हद तो जानते सभी है झूठा हो कर भी मीठा ज़हर बिकता बहुत है बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla पूजा सक्सेना ‘पलक’ चाँदनी