Nojoto: Largest Storytelling Platform

गर्म साँसों की डोर पर नर्म होठों का तबस्सुम बेत

गर्म साँसों की  डोर पर  नर्म होठों  का तबस्सुम
बेताब धड़कनों की लहर उठाती है नज़दीकियाँ 
लग जाये ना  मुहब्बत पे  इस ज़माने की नज़र 
ख़ौफ़ ये जुदाई का फ़िर  डराती है नज़दीकियाँ. .

©malay_28
  #नज़दीकियाँ