**yg_writes** सुना था इंसान की भूख , खुद इंसान को खा जाएगी , खुद का आसमां होते हुए भी पिंजरे में रहने की नौबत आ जाएगी । इस भूख ने खा लिए है देश कईं , मिट गया सब कुछ तो कैसे बसाओगे धरती नई । मिल गई छुट्टी घूमने चले , ये कैसी समझदारी है घर पर रहो इसे फैलने से रोको , ये रोग अब महामारी है । देख कर मंजर मौत का घबरा गया है संसार सारा , हम सब घरो में जा रहे है । नतमस्तक हूं उनके आगे जो पीड़ितों के पास रहकर उनकी हिम्मत बढ़ा रहे है । #corona #dro