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मांझी न हमसफ़र, न हक़ में हवाएं, और कस्ती भी जर्जर,

मांझी न हमसफ़र, न हक़ में हवाएं,
और कस्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है,
अलग मजा है सूफी का अपना ..
न पाने की चिंता न खोने का डर

©Andy Mann
  #सूफ़ी