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अपनी कलम की सलामती माँगी है, झुका हूँ जब भी सजदे

अपनी कलम की सलामती माँगी है, 
झुका हूँ जब भी सजदे के लिए.. 
ये वाहिद चिराग़ काफ़ी है, 
ज़माने की आँधियों के लिए...

#Rishi #ऋषि

©Rishi
  ऋषि की कलम से...
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Rishi

New Creator

ऋषि की कलम से... #शायरी #rishi

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