ये दिल ए नासाज तुझ बिन खुद से ही नाराज गम ए रहगुज़र है तेरे बिन ये गमगीन है इसे श्वांस आये कैसे तुझ बिन जिया जाये कैसे हालात है अब मेरे ऐसे जल बिन मतस्य हो जैसे ©Pravesh Sharma #8LinePoet