बहुत ज़िद्दी है किस्मत मेरी ,बात बात पे कोई ना कोई

बहुत ज़िद्दी है किस्मत मेरी ,बात बात पे कोई ना कोई जिद पकड़ के रूठ ही जाती है! मनाने के लिए फ़िर से अपनी मुस्कराहटो का या अपनी खुशियो का   कोई ना कोई खिलौना इसके हाथ में हमें देना ही पड़ता है,तब कहीं जा कर चार कदम फ़िर ये मेरे साथ-साथ चलती है,,,,,,,,,,,,,,,

रिम्मी बेदी नज़र

©NAZAR
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