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ना घनी दुपहरी में पांव जलती है, ना ही गर्म रोटियों

ना घनी दुपहरी में पांव जलती है,
ना ही गर्म रोटियों से हाथ जलती है।
वो औरत है जनाब,,
जो खुद सिसकियां  भरती है,
मगर औरों के संताप हरती है।
♥️

©harsha mishra
  #प्यारे