"रेत" सुखी रेत-सी हो गई हैं मेरी जिंदगी | कोई भी आए , कोई भी जाए किसी को मेरी खुशी से कोई सरोकार नहीं | बस! जब तक मैं किसी की जरूरत हूँ, तब तक वो मेरे पास हैं | जरूरत खत्म होते ही वो मुझसे दूर | क्या ये जो दर्द हैं वो सिर्फ और सिर्फ मुझे ही होता हैं | मुझसे दूर जाने वाले को नहीं | क्या वास्तव में , मैं सब के लिए उनके कदमों धुल हूँ | जो जब चाहें मेरी आँखों में ही झोक देते हैं | और मै पागल उनके इस खेल को समझ पाने में अक्षम हूँ | ये रब ने ऐसा दिल क्यों दिया | बस! रब के घर पर जाकर यही पूछना हैं मुझे क्यों सुखी रेत सी हैं मेरी जिंदगी ? गीता शर्मा प्रणय #रेत#सिर्फ#सरोकार#दर्द #alonesoul