बूढ़ी आंखों को कब तक ख्वाब दिखाया जाएगा, बचा हुआ इश्क आखिर कब तक कमाया जाएगा,, उम्र काट कर अपनी रात ढल रही है अब, अब क्या भरी रोशनी में चिराग जलाया जाएगा,, ©चंद #Dranupamsingh