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#5LinePoetry अन्तःकरण से निकलने वाले शब्द किसी को

#5LinePoetry अन्तःकरण से निकलने वाले शब्द किसी को कष्ट नही देते,परन्तु मन का अहम वार्तालाप के समय शब्दो के भाव में सामने वाले व्यक्ति के आचरण के अनुसार परिवर्तन कर देता है।यही से विद्रोह की शुरुआत होती है।शायद निश्छल हृदय से किए गए कार्य के बदले जब धोखे मिलते है,तब शब्दों के चयन में संयम नही रहता।संयम और निश्छलता का भाव ही जीवन मे उन्नति का मार्ग है।जिस दिन संयम और निश्छलता के भाव आम हो जाएंगे उस दिन व्यक्ति के आचरण पर प्रहार कर धोखे देने वाले हमेशा के लिए खामोश हो जाएंगे।

©Rishi Pratap Rishi #5LinePoetry  SUNITA SWAMI Dhanraj Gamare Neeraj  K Manjeet Gupta
#5LinePoetry अन्तःकरण से निकलने वाले शब्द किसी को कष्ट नही देते,परन्तु मन का अहम वार्तालाप के समय शब्दो के भाव में सामने वाले व्यक्ति के आचरण के अनुसार परिवर्तन कर देता है।यही से विद्रोह की शुरुआत होती है।शायद निश्छल हृदय से किए गए कार्य के बदले जब धोखे मिलते है,तब शब्दों के चयन में संयम नही रहता।संयम और निश्छलता का भाव ही जीवन मे उन्नति का मार्ग है।जिस दिन संयम और निश्छलता के भाव आम हो जाएंगे उस दिन व्यक्ति के आचरण पर प्रहार कर धोखे देने वाले हमेशा के लिए खामोश हो जाएंगे।

©Rishi Pratap Rishi #5LinePoetry  SUNITA SWAMI Dhanraj Gamare Neeraj  K Manjeet Gupta

#5LinePoetry SUNITA SWAMI Dhanraj Gamare Neeraj K @Manjeet Gupta