कि मजबूर थे हम, सुर्ख़ी न बची जिसमें वो सिंदूर थे हम اا जुर्रत-ए-तलब होती तो होती क्यूंकर, वो कुंदन सुनहरा शराबी मशहूर थे हम اا सुर्खी - लाली, कुंदन - सोना अब बक्या कहें, कर भी क्या सकते थे! #करक्यासकते #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqquotes #yqtales #yqlove