राहों के पत्थर चूमकर, शमशान भूमि घूमकर आंसुओं से अपनी बेचैनियां बुझा रहा हूं ।। आग जब लग ही गई मेरे जिस्म पर, तो दुश्मनों के दिवाली का लुफ़्त उठा रहा हूं । ©Rajesh Yadav #Bonfire