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# बचपना रोता है बोझ शब्द सुनकर, प | English Shayar

बचपना रोता है बोझ शब्द सुनकर, परिपक्वता सच्चाई जानती है।
बेटियां नहीं हमारे पिता पति भाई बोझ नाकाबिल हैं जिनकी वजह से हम घर के कामों में ही अव्वल आती है और इनकी कम कमाई की कमी छिपाती है।😊❤️👑

अपने सपने अपनी कमाई अपना जीवन देखने वाला भाई होता है?😒
आज जो भाई केवल "कमाना अपना काम" समझेगा उसके रिश्ते कभी नही चलेंगे, बहने पढ़ती है कमाती है तो वे घर के काम भी करती है तुम्हे भी करने होंगे, 
बहनें पढ़ती/कमाती हैं तो उनको घर के काम में ना लगाना जितनी जिम्मेदारी मां पिता की है उससे कई ज्यादा भाई की है क्योंकि वो खुद को रक्षक मानता है बहन का
तो आज के समय में यही रक्षा होगी आपकी बहनों की।
manyaparmar8573

Manya Parmar

Silver Star
New Creator

बचपना रोता है बोझ शब्द सुनकर, परिपक्वता सच्चाई जानती है। बेटियां नहीं हमारे पिता पति भाई बोझ नाकाबिल हैं जिनकी वजह से हम घर के कामों में ही अव्वल आती है और इनकी कम कमाई की कमी छिपाती है।😊❤️👑 अपने सपने अपनी कमाई अपना जीवन देखने वाला भाई होता है?😒 आज जो भाई केवल "कमाना अपना काम" समझेगा उसके रिश्ते कभी नही चलेंगे, बहने पढ़ती है कमाती है तो वे घर के काम भी करती है तुम्हे भी करने होंगे, बहनें पढ़ती/कमाती हैं तो उनको घर के काम में ना लगाना जितनी जिम्मेदारी मां पिता की है उससे कई ज्यादा भाई की है क्योंकि वो खुद को रक्षक मानता है बहन का तो आज के समय में यही रक्षा होगी आपकी बहनों की। #Shayari

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