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किसने दर पर ये आहटें कर दीं! तेज़ दिल की ये धड़कने

किसने दर पर ये आहटें कर दीं!
तेज़ दिल की ये धड़कनें कर दीं!

दश्ते दिल सब्ज़ हो उठा फिर से,
आपने  कुछ यूँ  बारिशें  कर दीं!

थी उदासी  फ़क़त  मिरे  घर  में,
आप  आए  तो  रौनकें  कर दीं!

उन की नज़रों ने यूँ तराशा मुझे,
जों  ख़ुदा  ने   इनायतें  कर  दीं!

उसकी चाहत में, मैं हूँ वारफ़्ता,
लो  बयाँ  मैंने, हसरतें  कर  दीं!

©Parastish
  दश्त-ए-दिल = दिल का रेगिस्तान/जंगल 
सब्ज़ = हरा 
वारफ़्ता = बेसुध, बेखु़द

#गजल #sher #Shayari #ghazal #Poetry #parastish #lovepoetry
pooja7092330500628

Parastish

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Super Creator

दश्त-ए-दिल = दिल का रेगिस्तान/जंगल सब्ज़ = हरा वारफ़्ता = बेसुध, बेखु़द #गजल #sher #Shayari #ghazal Poetry #parastish #lovepoetry

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