प्रलय आने से ठीक एक दिन पहले वाली रात मैं जगता रहा रात भर औऱ हर लम्हें को जीवंतता से जीता रहा "जागरण " की परिभाषा भी मैने उसी दिन समझी थी काश ये "जागरण " मेरी जिन्दगी में बहुत पहले आ जाता तो प्रलय का ये भय मुझे इतना न सता रहा होता प्रलय का भय.....