आरजूओं में खो रहा इंशा। आदमी हो रहा इंशा।। एक जिंदगी के धोखे में। मौत ढो रहा इंशा।। भागते भागते सपनों में। अपने खो रहा इंशा।। सबको रखता है ठोकरों में। अब बहुत हो रहा इंशा।। उसने सिल दी पैबन्द ए जमीं। अब क्यों रो रहा इंशा।। निर्भय चौहान #शायरी #ग़ज़ल #Shayari #Nojoto #Love #Nojoto_Films