एक दिन तू मिली मुझे पर तेरी आंखों से तूने मुझे पहचाना नहीं रात भर ये सोचता रहा कि तूने ध्यान नहीं दिया अगली सुबह फिर मिले पर पहचाना नहीं मेरी आखो में आंखें डाल दी पर मेरे दर्द को जाना नहीं तेरी इस हरकत को दिल देख कर भी माना नहीं ऐसे कैसे तूने मुझे पहचाना नहीं साजन कुमार # पहचाना नहीं