मुझे नफरत है ये जो नज़रे तेरी मिलती मेरी नज़रों से थी आज किसी और से मिल गयी है तो मुझे नफरत है ये जो खुशियां मेरी कभी तेरी खुशियों से थी आज किसी और की हो गयीं है तो मुझे नफरत हैं ये जो तेरे दिल का आशियाना जहाँ मैं रहता था आज किसी और का हो गया है तो मुझे नफरत है ये जो दावा था तेरा मुझसे मुहब्बत का आज किसी और से हो गया है तो मुझे नफरत है ये जो तेरी ज़ुल्फ़ें जिनके निशान थे मेरे हाथों में आज इनके निशान किसी और हाथों में हैं तो मुझे नफरत है वो तेरे घर की गलियां जहाँ से मैं बेवजह गुज़रता था आज अगर कोई और बेवजह गुज़रता है तो मुझे नफरत है वो तेरा कंधा जो सकूं मेरे सर का था आज सुकून किसी और के सर का है तो मुझे नफरत है वो कसमें वो वादे जो तूने मुझे दिये थे आज किसी और को दे दिये तो मुझे नफरत है वो तेरा रंज तेरा गम जो मैं सुनता था आज कोई और सुनता है तो मुझे नफरत है वो तेरी आँखों की शराब जो मैं पीता था आज कोई और पी रहा है तो मुझे नफरत है ये जो ग़ज़ल गफ़लत में आशिम ने लिख डाली है गर इसका राबता तुझसे है तो मुझे नफरत है बड़े दिन से सपनों में आ रही है एक नकाबपोश लड़की सुन अगर वो तूं ही है तो मुझे नफरत है ©BROKENBOY मुझे नफरत है ये जो नज़रे तेरी मिलती मेरी नज़रों से थी आज किसी और से मिल गयी है तो मुझे नफरत है ये जो खुशियां मेरी कभी तेरी खुशियों से थी