Mantri Ji विलक्षण खगोलीय घटना है चुनाव, एलियन की तरह मंत्री जी पहुंचे है गांव। दाता का रूप धर के वादे हैं बाटते। वादों के भरोसे कुर्सी की फसल काटते। जात पात सबकी नहीं देखते है जी। वोट मांगने को माथा टेकते है जी। जीतते ही मंत्री अपने शेर हो गए। जनता जनार्दन सभी जी भेड़ हो गए। संविधान,सेवा धर्म भुल बैठे है। मर जाये जनता मंत्री जी कूल बैठे है। फटी जेब वाला कुर्ता अब उतार दिया है। मंत्री जी ने अपना झंडा गाड़ दिया है। अपनी उम्र बढा ली है पांच साल तक। है मंत्री जी पात पात जनता डाल तक। खादी से सूट तक सफर सूट करता है। अनपढ़ मंत्री को ज्ञानी सैलूट करता है।। ©nirbhay chauhan #Nojoto #Love #mantri #Poetry #WForWriters