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कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती अगर होती तो ..... डाय

कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती 
अगर होती तो .....
डायरी में ही दफन रहती
और कभी न निकल पाती कवि की दराज़ से।
                      कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती।
कविताएँ मन के भाव होती हैं 
और दिल के भाव तो सिर्फ अपने लिए नहीं होते 
जगते हैं ये अपनों के प्यार से 
                   कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती।
रिश्ते नाते,समाज,प्रकृति,जीव-जन्तु 
पेड़-पौधों,पशु-पक्षी,ईश्वर व ईश्वरीय कृति
कविताएँ उमड़ पड़ती हैं इनकी आहट से
                  कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती।
घटना-दुर्घटना,न्याय-अन्याय,कुरीती-सुरीती
कविताएँ बोल उठी
संतुलन बिगड़ा जब इनके प्रभाव व दुष्प्रभाव से
                  कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती ।
कविताएँ इतनी संकीर्ण कैसे हो सकती है 
कि खुद तक ही सीमित रहे एक कवि तक सीमित
कविताएँ संकीर्ण नहीं होती 
                    कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती ।
पारुल शर्मा
                  #NojotoQuote कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती 
अगर होती तो .....
डायरी में ही दफन रहती
और कभी न निकल पाती कवि की दराज़ से।
कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती।
कविताएँ मन के भाव होती हैं 
और दिल के भाव तो सिर्फ अपने लिए नहीं होते 
जगते हैं ये अपनों के प्यार से
कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती 
अगर होती तो .....
डायरी में ही दफन रहती
और कभी न निकल पाती कवि की दराज़ से।
                      कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती।
कविताएँ मन के भाव होती हैं 
और दिल के भाव तो सिर्फ अपने लिए नहीं होते 
जगते हैं ये अपनों के प्यार से 
                   कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती।
रिश्ते नाते,समाज,प्रकृति,जीव-जन्तु 
पेड़-पौधों,पशु-पक्षी,ईश्वर व ईश्वरीय कृति
कविताएँ उमड़ पड़ती हैं इनकी आहट से
                  कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती।
घटना-दुर्घटना,न्याय-अन्याय,कुरीती-सुरीती
कविताएँ बोल उठी
संतुलन बिगड़ा जब इनके प्रभाव व दुष्प्रभाव से
                  कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती ।
कविताएँ इतनी संकीर्ण कैसे हो सकती है 
कि खुद तक ही सीमित रहे एक कवि तक सीमित
कविताएँ संकीर्ण नहीं होती 
                    कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती ।
पारुल शर्मा
                  #NojotoQuote कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती 
अगर होती तो .....
डायरी में ही दफन रहती
और कभी न निकल पाती कवि की दराज़ से।
कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती।
कविताएँ मन के भाव होती हैं 
और दिल के भाव तो सिर्फ अपने लिए नहीं होते 
जगते हैं ये अपनों के प्यार से
parulsharma3727

Parul Sharma

New Creator

कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती अगर होती तो ..... डायरी में ही दफन रहती और कभी न निकल पाती कवि की दराज़ से। कविताएँ व्यक्तिगत नहीं होती। कविताएँ मन के भाव होती हैं और दिल के भाव तो सिर्फ अपने लिए नहीं होते जगते हैं ये अपनों के प्यार से #nojotoofficial #2liner #nojotohindi #nojotoquotes #kalakash #panchdoot_social #TST #likho_india #NojotoWODHindiquotestatic #Emotionalhindiquotestatic