" खामेखा सा परेशान सा हूं , ये दिल तु कुछ उलझन में हैं , हुआ ही क्या जो तुने ग़म पाल लिया , किसकी मस्त निगाही का जाम पिया ." --- रबिन्द्र राम " खामेखा सा परेशान सा हूं , ये दिल तु कुछ उलझन में हैं , हुआ ही क्या जो तुने ग़म पाल लिया , किसकी मस्त निगाही का जाम पिया ." --- रबिन्द्र राम #दिल #उलझन #ग़म #मस्त #निगाही #जाम