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ना कजरे की धार तू बसी है मेरे दिल में रहती हर धड

ना कजरे की धार


तू बसी है मेरे दिल में रहती हर धड़कन में -2

तेरा इश्क मुझको कहता तू मिले हर जनम में

बड़े सांसे जब दिखे तू तुझे देखूं सौ सौ बार

ना कजरे की धार ना मोतियों के हार ना कोई किए श्रृंगार

फिर भी कितनी सुंदर हो तुम कितनी सुन्दर हो

#_कुमार_मोहित_पाराशर

©मोहित पंडित
  #alone