Nojoto: Largest Storytelling Platform

#ग़ज़ल_غزل: १६३ ------------------------- 1212-112

#ग़ज़ल_غزل: १६३
-------------------------
1212-1122-1212-22/112

चली है जब से नदी हसरते विसाल लिए
उठी है मौज समंदर में भी उछाल लिए //१

नफ़स निकाल लें सीने से हम सुना के ग़ज़ल
कि हमने मा'ना भी अल्फ़ाज़ से निकाल लिए //२

जवाब ढूँढ़ता था ज़िंदगी का तुझमें  मगर
मुझे तो तू भी मिला मेरा ही सवाल लिए //३

अजीब इश्क़ की मजबूरियाँ हैं क्या बोलें
तुझे भुलाते हैं हर दिन तेरा ख़्याल लिए //४

हुए हैं नफ़्स के सह्रा में जब से पैदा 'राज़'
शिकारी वक़्त का बैठा है तब से जाल लिए //५

#राज़ नवादवी© راز نوادوی
🆁🅰🆉 🅽🅰🆆🅰🅳🆆🅸

#हसरते विसाल- मिलन की इच्छा #मौज- लहर
#नफ़स- प्राणवायु, साँस #मा'ना- अर्थ, मंशा, 
बहुवचन में भी प्रयुक्त #अल्फ़ाज़- लफ्ज़/शब्द का बहुवचन #नफ़्स- अस्तित्व #सह्रा- जंगल #जाल- net, ट्रैप #alone
#ग़ज़ल_غزل: १६३
-------------------------
1212-1122-1212-22/112

चली है जब से नदी हसरते विसाल लिए
उठी है मौज समंदर में भी उछाल लिए //१

नफ़स निकाल लें सीने से हम सुना के ग़ज़ल
कि हमने मा'ना भी अल्फ़ाज़ से निकाल लिए //२

जवाब ढूँढ़ता था ज़िंदगी का तुझमें  मगर
मुझे तो तू भी मिला मेरा ही सवाल लिए //३

अजीब इश्क़ की मजबूरियाँ हैं क्या बोलें
तुझे भुलाते हैं हर दिन तेरा ख़्याल लिए //४

हुए हैं नफ़्स के सह्रा में जब से पैदा 'राज़'
शिकारी वक़्त का बैठा है तब से जाल लिए //५

#राज़ नवादवी© راز نوادوی
🆁🅰🆉 🅽🅰🆆🅰🅳🆆🅸

#हसरते विसाल- मिलन की इच्छा #मौज- लहर
#नफ़स- प्राणवायु, साँस #मा'ना- अर्थ, मंशा, 
बहुवचन में भी प्रयुक्त #अल्फ़ाज़- लफ्ज़/शब्द का बहुवचन #नफ़्स- अस्तित्व #सह्रा- जंगल #जाल- net, ट्रैप #alone
raznawadwi7818

Raz Nawadwi

New Creator